90 दिवसीय प्राथमिक पशु चिकित्सा एवं कृत्रिम गर्भाधान का प्रशिक्षण कोर्स का विवरण
A. पशु प्रबन्धन-
पशुओं की विभिन्न प्रजातियाँ व नस्लें, पशुओं के शरीर की संरचना एवं क्रिया विज्ञान-बाह्य रचना व आन्तरिक रचना।
पशु प्रबन्धन की सामान्य प्रक्रियायें- पशुओं की आयु ज्ञात करना, पशुओं का भार ज्ञात करना, पशुओं पर पहचान चिन्ह लगाना, पशु प्रबन्धन, पशु आवास प्रबन्ध एवं स्वच्छता, पशु नियंन्त्रण, पशु खान-पान प्रबन्धन ।
B. प्राथमिक पशु चिकित्सा-
प्राथमिक पशु चिकित्सा- स्वस्थ/अस्वस्थ पशु , स्वस्थ पशु के लक्षण, सामान्य तापमान, नाड़ी गति व
श्वास गति, बीमार पशु के लक्षण, मैटीरिया-मैडिका एवं विष विज्ञान, टीकाकरण,
रोगों का वर्गीकरण- पशुओं के बाहरी आघात वाले रोग, असंक्रामक रोग, संक्रामक रोग, परजीवी रोग, त्वचा रोग। बाजार में उपलब्ध विभिन्न पशु औषधियों के नाम, पैकिंग, खुराक एवं देने की विधियाॅं। प्रमुख विषों की प्राथमिक चिकित्सा।
C. पशु प्रजनन, कृत्रिम वीर्यदान, प्रजनन दोष तथा निदान-
पशु प्रजनन- ऋतु चक्र, गर्मी के लक्षण व पहचान
कृत्रिम वीर्यदान-कृत्रिम वीर्यदान परिभाषा , इतिहास, लाभ तथा सीमायें, कृत्रिम वीर्यदान केन्द्र की व्यवस्था प्रणाली, कृत्रिम वीर्यदान के उपयोगी साधन, कृत्रिम वीर्यदान का उचित समय
वीर्य संकलन और संसाधन-वीर्य संकलन, वीर्य निरीक्षण,संसाधन एवं तनुकरण/शीतकरण, जमा वीर्य जमा वीर्य पिघलाना, संसेचन के तरीके, ए0आई0गन तैयार करना, तरल नाइट्रोजन कन्टेनर की देखभाल
प्रजनन हार्मोन- मादा प्रजनन हार्मोन तथा नर प्रजनन हार्मोन
गर्भकाल एवं गर्भ-निदान- गाभिन पशु की देखभाल, प्रजनन दोष एवं बीमारियाॅं, बाँझपन एवं उपचार
पशुओं को बधिया करना तथा प्रजनन विधियां